Wednesday, December 9, 2009

शेयर बाजार की पाठशाला


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी





शेयर बाजार में निवेश करने के गोल्डन रूल
चेतावनी-शेयर बाजार में निवेश से पूर्व निवेशक अपने वितीय सलाहकार से अवश्य सलाह करें। यह लेख आपको जानकारी देने का प्रयास मात्र है। इस लेख के संदर्भ में किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी ब्लाग या इससे जुड़े लेखकों की नहीं होगी।

प्रत्येक व्यक्ति अपने पैसे को तेजी से बढ़ता हुआ देखना चाहता है। इसके लिए वो बैंकिंग बचत से लेकर स्टाक मार्किट तक में निवेश के अवसर खोजता है। इसके लिए वो अपने स्तर पर कभी बचत को महत्व देता है, तो कभी व्यापार या स्टाक मार्किट में अपनी किस्मत को आजमाता है। लेकिन स्टाक मार्किट में निवेश करना भी एक कला है। जहां सही अवसर पर किया गया निवेश आपके पैसे को इतनी तेजी से बढ़ा सकता है, जिसकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। और वही ऐसा भी हो सकता है कि मार्किट की नब्ज जांचें बिना किया गया निवेश, कागजों के ढेर में बदल जाए। स्टाक मार्किट के भी कुछ सुनहरे नियम हैं, जिनको जानना फायदेमंद साबित हो सकता है।


आंख मुंदकर न करें यकीन:- स्टाक मार्किट का सबसे पहला और महत्वपूर्ण नियम है कि किसी की सुनी सुनाई बातों पर यकीन न करें। यदि कोई आपको कहता है कि यह बढ़िया शेयर है, तो इसे अक्षरा’ा: ठीक मानने की जगह आप सोचें की यह शेयर क्यों अच्छा है, शेयर से संबंधित कंपनी किस प्रकार तरक्की करेगी। यदि इन बातों के संतोषजनक उत्तर आपको नहीं मिलते तो आप खुद ही इसका अर्थ समझ सकते हैं।

समय की नब्ज पहचानें, तार्किक बनिए:- यदि आप वास्तव में ही उच्च व‘दि वाले स्टाक में निवेश के इच्छुक हंै तो आपको उन संभावनाओं पर भी ध्यान देना चाहिए जो शेयर बाजार के रूझान के अनुसार हों। उदाहरण के लिए पेट्रोल की कीमतें यदि बढ़ रही हैं तो उसके और भी बढ़ने की उम्मीद हो तो पेट्रो उत्पाद से संबंधित शेयर खरीदना फायदा का सौदा हो सकता है।

जोखिम सहने की क्षमता अर्थात आर्थिक स्थिति:- शेयर बाजार कोई पारसमणि नहीं जहां आपकी पूंजी लगते ही सोने में बदल जाएगी। निवेशक को अपनी माली हालत जानकर ही निवेश के बारे में सोचना चाहिए। प्राय: निवेशक अधिक रिटर्न पाने के चक्कर में अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखें बिना अत्यधिक जोखिम पूर्ण निवेश कर लेता है। इस कारण बाजार से आपेक्षित परिणाम न प्राप्त होने के कारण निवेशक जहां अपनी पूंजी गंवाते हैं, वहीं बाजार को कोसते हैं। शेयर बाजार का यह महत्वपूर्ण नियम सदैव ध्यान रखें कि उतना ही निवेश करें जिसे जोखिम की स्थिति में आप आर्थिक एवं भावनात्मक स्तर पर सह सकें।

धैर्य:- स्टाक मार्किट चूंकि पैसा बनाने और गंवाने की जगह है इसलिए इस स्टाWक मार्किट में वही निवेशक अच्छा माना जाता है जो सम और विषम दोनों ही परिस्थितियों में संयम का दामन नहीं छोड़ता। शेयर बाजार पर मंदड़ियों के हावी होते ही शेयर बेच देना या फिर तेजड़ियों का रूझान देखकर एकदम भारी भरकम खरीद घाटे का सौदा हो सकती है। शेयरांें के प्रदर्’ान आंकलन एक ही झटके में करना गलत है।

तेजी में सोचो, मंदी में देखों:- शेयर बाजार तेजी और मंदी का ताना-बाना है, इसलिए निवेशक के लिए आपेक्षित है कि वो स्टाक मार्किट में निवेश करने से पहले उसका मूल्यांकन अवशय करें। इस प्रक्रिया में निवेशक को स्टाक का चयन करने के साथ-साथ संबंधित कंपनी तथा बाजार के हालात पर भी नजर रखनी चाहिए। जिस समय बाजार तेजी से कुलांचे भर रहा हो तो ख्याली पुलाव बनाकर स्टाक खरीदने की गड़बड़ी नुकसानदेह हो सकती है ऐसे समय में अपने पुराने स्टाक को निकालकर मुनाफा कमाना लाभदायक सिद्ध हो सकता है। अक्सर निवेशक से सेंसेक्स के चढ़ते समय भारी मुनाफा कमाने की नियत से स्टाक मार्किट में अपनी पूंजी लगा देते है, परंतु उम्मीदों के विपरीत खरीदा गया स्टाक रिवर्स गियर में चल पड़ता है तो निवेशक के लिए कापफी नुकसानदेह सिद्ध हो जाता हैं इसी प्रकार टूटते बाजार में स्टाक इकटठा करना भी नुकसानदेह साबित हो सकता है।


काटते रहें मुनाफा:- शेयर बाजार में पैसा लगाना और उससे मुनाफा कमाना एक सहज प्रक्रिया है, परंतु बाजारों में तेजी और मंदी का चोली-दामन का साथ है। इसलिए स्टाक मार्किट से होने वाले मुनाफे को समय-समय पर शेयर मार्किट में लगाने की जगह पूंजी के रूप में अपने पास इकटठा करते रहना भी समझदारी है।

लंबी निवेश अवधि पर रखे ध्यान:-शेयर मार्किट में एकाएक मुनाफा बटोरने की जगह निवेशक को लंबी अवधि के निवेश की तरफ ध्यान देना चाहिए।
कम करें जोखिम:- शेयर बाजार में होने वाले नुकसान को कम करने के लिए निवेशक को सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए निवेशक को कोरी कल्पनाओं की अपेक्षा हकीकत का अनुसरण कर बाजार की स्थिति को देखते हुए अपने पोर्टफोलियों में स्टाक की अदला-बदली करनी चाहिए। इसके तहत मंदी की आशका के चलते निवेशक को उन स्टाक का चयन करना चाहिए जिसमें उठा-पटक कमतर होती हो तथा उन शेयरों को उचित मौके पर निकाल देना चाहिए जिसमें घाटे की संभावना हो।

समय-समय पर उचित दूरी बनाए रखें:- अक्सर अपने वाहनों के पीछे लिखा यह स्लोगन पड़ा होगा कि उचित दूरी बनाए रखें। बात स्टाक मार्किट पर भी लागू होती है। छोटे निवेशकों के लिए स्टाक मार्किट की निवेश प्रक्रिया के तहत स्टाक मार्किट से दूरी बनाना भी एक नियम है। स्टाक मार्किट में जिस समय अत्यध्कि उठा-पटक हो रही हो उस स्थिति में नुकसान से बचने के लिए कुछ समय के लिए स्टाक मार्किट से दूरी बना लेनी चाहिए। मार्किट का रूझान स्पष्ट न होने पर किया गया निवेश नुकसान में भी बदल सकता है।

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